tag:blogger.com,1999:blog-227154238658350156.post3177466340536521519..comments2013-04-08T11:38:15.798+05:30Comments on महेश की आत्मकथा: कोई भी संतान या औलाद नाजायज नहीं हो सकता हैमहेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Vermahttp://www.blogger.com/profile/07187456741818075757noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-227154238658350156.post-46231854395163938272011-04-28T15:56:04.794+05:302011-04-28T15:56:04.794+05:30यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करन...यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो<br />आईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये... ध्यान रखें धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले दूर ही रहे,<br />अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें. <br />इस ब्लॉग के लेखक बनने के लिए. हमें इ-मेल करें.<br />हमारा पता है.... hindukiawaz@gmail.com<br />समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे<br />देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच<br /><a href="http://vishvguru.blogspot.com/" rel="nofollow">हल्ला बोल</a>हल्ला बोलhttps://www.blogger.com/profile/12194388500228751046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-227154238658350156.post-2328069145577508542011-01-25T21:45:14.977+05:302011-01-25T21:45:14.977+05:30आप की बात सही है, कोई भी संतान नाजायज नहीं होती है...आप की बात सही है, कोई भी संतान नाजायज नहीं होती है। <br />यदि आप के पिता का दूसरा विवाह हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के लागू होने के पूर्व हो चुका था तो वह भी वैध था, अवैध नहीं। यदि यह विवाह इस कानून के लागू होने के उपरांत हुआ है तो वह प्रारंभ से ही शून्य कहा जाएगा और आप की माता को वैध पत्नी का दर्जा प्राप्त नहीं होगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com